हमें अपनी विचारदृष्टि को प्रतिदिन परखना चाहिए और यहां
की संकीर्णता को कुछ देर के लिए अलग रख देना चाहिए। यदि यह अभ्यास नियमित हो तो निश्चित
ही एक नए जीवन का अनुभव होगा।
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रविवार, 26 जनवरी 2014
शनिवार, 25 जनवरी 2014
उक्ति - 29
यदि स्वयं को दूसरे की दृष्टि से देखने का
अवसर मिले तो यही पाएंगे कि हमारा अस्तित्व कुछ नहीं है। तब अहं का चकनाचूर होना अवश्यंभावी
है।
शुक्रवार, 24 जनवरी 2014
उक्ति - 28
दूसरे को
समझाने-बुझाने के लिए सभी बुदि्धमान होते हैं, पर स्वयं को समझा-बुझा सकनेवाले विद्वान कम ही होते हैं।
शुक्रवार, 17 जनवरी 2014
उक्ति - 27
बड़ी बात और बड़े काम में फर्क होता है। बड़ी बात करनेवाले बड़े काम व बड़े काम करनेवाले बड़ी बात नहीं करते।
सोमवार, 13 जनवरी 2014
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